Hidden Truth Of Bible | ईसाई नहीं समझे होली बाईबल: जाने वजह

ईसाई धर्म में यीशु मसीह (Jesus Christ) को परमेश्वर का रूप माना जाता है, परंतु संत रामपाल जी महाराज ने अपने दिव्य ज्ञान के माध्यम से पवित्र बाइबल की कुछ बातों को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है। इस लेख में हम पवित्र बाइबल के विभिन्न संदर्भों और उनके सटीक अर्थों का विश्लेषण करेंगे, जो संत रामपाल जी महाराज द्वारा समझाए गए हैं। 

Isai Nahi Samjhe Holy Bible | ईसाई नहीं समझे होली बाईबल: जाने वजह


ईसा मसीह की मृत्यु और पुनर्जीवन का रहस्य

ईसा मसीह की मृत्यु के तीसरे दिन जो व्यक्ति उनके रूप में प्रकट हुआ, वह वास्तव में पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब थे। संत रामपाल जी महाराज का कहना है कि यदि परमात्मा स्वयं प्रकट नहीं होते, तो लोगों का विश्वास भगवान से उठ जाता। इस प्रकार, ईसा मसीह की मृत्यु के बाद परमेश्वर ने उनका रूप धारण कर भक्तों को दर्शन दिए।

पवित्र बाइबल का संदर्भ

- यूहन्ना 16:4-15 में बताया गया है कि परमेश्वर ने ईसा मसीह का रूप धारण कर शिष्यों को दर्शन दिए।

यीशु द्वारा एक सहायक (अवतार) भेजने की भविष्यवाणी

बाइबल में, यीशु ने एक सहायक (अवतार) भेजने की भविष्यवाणी की थी। संत रामपाल जी महाराज मानते हैं कि यह सहायक वही हैं, जिन्होंने अपने दिव्य आध्यात्मिक ज्ञान से दुनिया में शांति स्थापित करने का कार्य किया।

पवित्र बाइबल का संदर्भ

- यूहन्ना 16:7 में सहायक (अवतार) की भविष्यवाणी की गई है।

यीशु मसीह के चमत्कार: पूर्व निर्धारित घटनाएँ

ईसा मसीह के सभी चमत्कार पहले से ही परमेश्वर (ब्रह्म/यहोवा) द्वारा निर्धारित थे। संत रामपाल जी महाराज का दावा है कि यीशु मसीह के जीवन में जो कुछ भी घटित हुआ, वह परमात्मा की महिमा को बनाए रखने के लिए पहले से तय किया गया था।

पवित्र बाइबल का संदर्भ

- यूहन्ना 9:1-34 में अंधे व्यक्ति के ठीक होने का उल्लेख है, जो परमेश्वर की महिमा प्रकट करने के लिए हुआ था।

परमात्मा का साकार रूप

ईसाई धर्म में परमात्मा को निराकार माना जाता है, लेकिन पवित्र बाइबल के उत्पत्ति ग्रंथ (Genesis) में लिखा है कि परमेश्वर ने मानव को अपने स्वरूप में उत्पन्न किया। इसका अर्थ है कि परमात्मा का रूप साकार है।

पवित्र बाइबल का संदर्भ

- उत्पत्ति ग्रंथ 1:26-27 में परमात्मा द्वारा मानव को अपने स्वरूप में उत्पन्न करने का उल्लेख है।

मांस खाने का आदेश: वास्तविकता

ईसाई मिशनरियों का मानना है कि पवित्र बाइबल में मांस खाने का आदेश परमेश्वर ने दिया है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि उत्पत्ति ग्रंथ 1:29 में केवल शाकाहार का उल्लेख है, जहां बीज वाले पेड़-पौधों और फलों को ही भोजन के लिए उपयुक्त बताया गया है।

पवित्र बाइबल का संदर्भ

- उत्पत्ति ग्रंथ 1:29 में शाकाहार का उल्लेख है, जिससे स्पष्ट है कि परमात्मा का आदेश मांस खाने का नहीं है।

ईसा मसीह की पुनर्जीवन की घटना

ईसा मसीह की क्रूस पर मृत्यु के बाद उनके पुनर्जीवन की घटना पर भी संत रामपाल जी महाराज का विचार अलग है। उनका कहना है कि जो रूप लोगों को दिखा, वह वास्तव में पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब का था। ईसा मसीह की मृत्यु के बाद, परमात्मा ने उनके रूप में प्रकट होकर लोगों के विश्वास को दृढ़ बनाए रखा।

पवित्र बाइबल का संदर्भ

- यूहन्ना 16:4-15 में परमात्मा के प्रकट होने का उल्लेख है।

पुनर्जन्म की अवधारणा का खंडन

ईसाई और मुस्लिम धर्म पुनर्जन्म को नहीं मानते, लेकिन संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, पुनर्जन्म एक सच्चाई है। उन्होंने हजरत मुहम्मद जी की जीवन कथा से प्रमाण प्रस्तुत किया है कि मुहम्मद जी ने विभिन्न नबियों और संतों को स्वर्ग में देखा, जबकि कयामत का दिन अभी आया नहीं था।

पवित्र बाइबल का संदर्भ

- पुनर्जन्म की अवधारणा का कोई स्पष्ट खंडन पवित्र बाइबल में नहीं मिलता, लेकिन संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, यह सच्चाई है।

ईसा मसीह का जन्म और उनके चमत्कार

ईसा मसीह का जन्म एक देवता से हुआ था। मरियम को गर्भ एक देवता से हुआ था, और यूसुफ ने मरियम को त्यागने का विचार किया था। लेकिन एक फरिश्ते ने उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा। इस प्रकार, ईसा मसीह का जन्म हुआ।

पवित्र बाइबल का संदर्भ

- मती 1:25 में ईसा मसीह के जन्म की कथा का उल्लेख है।

ईसा मसीह: परमात्मा नहीं, बल्कि संदेशवाहक

संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, ईसा मसीह परमात्मा नहीं थे, बल्कि परमात्मा के संदेशवाहक थे। उन्होंने खुद को परमेश्वर का पुत्र कहा, न कि स्वयं को परमेश्वर कहा।

पवित्र बाइबल का संदर्भ

- यूहन्ना 16:27 में ईसा मसीह को परमेश्वर का पुत्र बताया गया है।

पवित्र बाइबल में पुनर्जन्म का प्रमाण

संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, बाइबल के अध्याय 2 कुरिन्थियों 2:12-17 में आत्माओं के नबियों में प्रवेश करके बोलने का उल्लेख है, जिससे यह साबित होता है कि पुनर्जन्म और आत्माओं का अस्तित्व सत्य है।

पवित्र बाइबल का संदर्भ

- 2 कुरिन्थियों 2:12-17 में आत्माओं के प्रवेश का प्रमाण मिलता है।

ईसा मसीह की मृत्यु: पूर्व निर्धारित योजना

ईसा मसीह की मृत्यु 30 वर्ष की आयु में हुई, जो पहले से ही निर्धारित थी। मत्ती 26:24-55 में यह उल्लेख है कि एक शिष्य ने उन्हें विरोधियों के हवाले कर दिया था। संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, यह सब पहले से तय था।

पवित्र बाइबल का संदर्भ

- मत्ती 26:24-55 में ईसा मसीह की मृत्यु का वर्णन है।

ईसा मसीह की पीड़ा और मृत्यु

ईसा मसीह की मृत्यु एक दर्दनाक प्रक्रिया थी, जिसे पवित्र बाइबल में विस्तार से वर्णित किया गया है। उन्होंने अपने अंतिम समय में कहा था, "हे मेरे प्रभु! आपने मुझे क्यों त्याग दिया?" इससे स्पष्ट होता है कि वह परमात्मा नहीं थे, बल्कि एक संदेशवाहक थे।

पवित्र बाइबल का संदर्भ

- मत्ती 27:45-50 में ईसा मसीह की मृत्यु का विवरण है।

ईसा मसीह में आत्माओं का प्रवेश

संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, ईसा मसीह में विभिन्न आत्माएं प्रवेश कर बोलती थीं। जब उन्हें क्रूस पर चढ़ाया गया, तो सभी आत्माओं ने उनका शरीर छोड़ दिया।

पवित्र बाइबल का संदर्भ

- 2 कुरिन्थियों 2:12-17 में आत्माओं के प्रवेश का उल्लेख है।


FAQs 

1. क्या ईसा मसीह स्वयं परमात्मा थे?

ईसाई धर्म में ईसा मसीह को परमात्मा का रूप माना जाता है, लेकिन संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, वह परमात्मा नहीं थे, बल्कि परमात्मा के पुत्र और संदेशवाहक थे।

2. ईसा मसीह की मृत्यु के बाद उनका पुनर्जीवन कैसे हुआ?

संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, ईसा मसीह की मृत्यु के बाद, पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ने उनका रूप धारण किया और भक्तों को दर्शन दिए।

3. क्या बाइबल में मांस खाने का आदेश दिया गया है?

नहीं, संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, बाइबल के उत्पत्ति ग्रंथ में केवल शाकाहार का आदेश दिया गया है, मांस खाने का नहीं।

4. क्या पुनर्जन्म की अवधारणा सही है?

संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, पुनर्जन्म एक सच्चाई है, और इसे पवित्र बाइबल में भी अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया गया है।


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